Indian bhabhi porn kahani मेरे पड़ोस में रहने वाली हॉट और सेक्सी भाभी की चूत और गांड मैंने पोर्न कहानी में मारी! वे हमारे घर पहुंचे। मुझे एक दिन काम के बहाने अपने घर ले गए।
हाय, पानी टपकाती चूत वालियों।
मैं पहले अपने आप को बता रहा हूँ।
मेरा नाम बदला हुआ है लुसीफर।
गुजरात के पालनपुर में मैं रहता हूँ।
मेरी उम्र २५ वर्ष है। पहलवानी शरीर अच्छी तरह से चोदकर चरम सुख दे सकता है क्योंकि यह अच्छी तरह से अभ्यास किया गया है।
6.8 इंच का मेरा लंड है। यद्यपि मैं जानता हूँ कि यह किसी अफ्रीकन की तरह बड़ा नहीं है, यह बहुत देर तक चुदाई करने की क्षमता है।
मैं बिना रुके किसी भी लड़की या भाभी को ३० मिनट से अधिक समय तक चोद सकता हूँ।
मेरे घर के सामने एक बहुत सुंदर भाभी रहती थीं।
क्या बताऊँ? भाभी की भरी हुई गांड और उठे हुए चूचे देखना इतना दिलचस्प होगा।
इन्हीं भाभी की यह भारतीय भाभी पोर्न कहानी है।
मैं अक्सर छुप छुप कर उन्हें देखता रहता था, और मुझे लगता था कि भाभी शायद मेरी कामुक नजरों को नहीं रोक पाई है।
बाद में, भाभी ने चुदते समय कहा कि वे मेरी नजरों को काफी समय से ताड़ रही थीं, और उन्हीं कामुक नजरों की वजह से भाभी ने मुझे चुना था।
प्रिय, मैं उनकी गांड मारने में इतना खुश नहीं था।
यह जानने से पहले कि मैंने उनको पटाया और अपने लौड़े को चोदा, वह सेक्स कहानी मैं बाद में लिखूंगा।
एक दिन जब मैं कॉलेज से बाहर आया, भाभी मेरी मां से बात कर रही थीं।
मैं उन्हें देखकर खड़ा हो गया।
मैंने जल्दी से बाथरूम में जाकर अपने लिंग को हिलाया।
और मैं बाथरूम से बाहर निकलते ही वे मुझे देखकर मुस्कराने लगीं।
मैं भी मुस्कराया।
“दीदी, मुझे इनसे कुछ काम है, इसलिए मैं इन्हें अपने घर ले जा रहा हूँ,” उन्होंने कहा।
मैंने हां कहा और भाभी के साथ जाने को कहा।
मैंने पूछा: भाभी, आपका काम क्या है?
मेरे बेड को हिलाकर कुछ निकालना है, वे कहने लगीं।
मैं बेड को हिलाने और निकालने का तरीका नहीं समझ पाया।
मैंने उनसे चलने के लिए हां कह दी जब उनकी ये गूढ़ बातें मेरे सर से निकल गईं।
मैं अपनी भाभी के साथ उनके घर गया।
मैं उनकी गांड को मटकते हुए उनके पीछे पीछे चलता रहा।
मैंने सोचा कि भाभी की चूत चोदने में खुशी होगी।
मैं उनके घर पहुंचा और उन्हें देखने लगा।
मैंने सोचा कि भाभी मुझे अब कुछ काम करने को कहेगी।
लेकिन अगले ही क्षण वह हुआ, जिसकी मैंने सोचा भी नहीं था।
मुझे देखकर वे सीधे मेरे मुँह पर किस करने लगे।
मुझे एक बच्चा चाहिए, उन्होंने कहा जब मैं सकपका गया। मुझे चोदकर एक बच्चा दो।
मैं यह क्या हुआ समझ नहीं पा रहा था!
मैंने उनकी बात सुनकर थोड़ी देर मना किया।
मैंने सोचा कि ये सब भाभी का खेल है।
यदि मैं इनके साथ कुछ किया, तो वे मेरे घर वालों को बता देंगे, जिससे खामखां की समस्या पैदा होगी।
मेरे मना करने पर भी, उन्होंने आगे बढ़कर मेरे टांगों के बीच अपना हाथ रखा और धीरे-धीरे मेरे सात इंच के काले लौड़े को मसल दिया।
मैं रोने लगा।
मेरे लिंग को वे लगातार सहलाते रहे।
तो मुझसे भी रहा नहीं गया और मैंने उनको भी किस किया।
फिर क्या हुआ? हम दोनों ने एक दूसरे को चूमते हुए अपने कपड़े निकाल दिए और होड़ सी लग गई।
दरवाजा बंद करो, भाभी ने कहा।
तुरंत होश में आकर मैंने दरवाजे खोले और भाभी को देखने लगा।
वासना से मुझे देखते हुए वे बिस्तर पर अपने पैर फैला कर लेट गईं।
मुझे देखते ही भाभी ने चुंबन उछालकर मुझे करीब आने का संकेत दिया।
अगले ही क्षण, मैं उनकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा।
मैं भाभी की चूत को दस मिनट तक चाटता रहा क्योंकि मुझे चूत चाटना अच्छा लगता है।
मैंने अपना लौड़ा उनके मुँह में डाल दिया।
लंड की मोटाई से वे डर गईं।
मुझे बताया कि तुम्हारा पति उनसे दोगुने बड़ा है और मेरा पति बहुत छोटा है। मैं इसे अपने अंदर नहीं रख सकता।
मैंने भाभी से कहा, “यदि आपको बच्चा चाहिए तो इसे अंदर ले जाओ और मुझे अपनी गांड भी दे दो।”
मेरी प्रेमिका ने मुझे ये गांड मारने की इच्छा दी।
वह अपनी गांड बहुत मरवाती थी।
बाद में सेक्स कहानी में लिखूंगा।
थोड़ी देर के ना-नुकुर के बाद भाभी ने मेरा लंड चूसने लगा।
उस समय हम दोनों बिंदास लगे।
वह भी अपने पति के वापस आने का भय नहीं मानते थे। उनके पति एक दुकान चलाता था और देर रात को वापस आता था।
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को पोजीशन में लेकर चोदना शुरू किया और उसे चित लिटा दिया।
मैं भाभी की चूत में लंड डालते ही उनकी चूत से खून निकलने लगा।
मैंने सोचा कि भाभी की सील ठीक से नहीं टूटी क्योंकि इसके पति की कुल्फी पतली है।
भाभी के आंसू मेरे मोटे लंड से बह गए।
थोड़ी देर बाद वे बहुत अच्छी तरह से लंड लेने लगी।
मैंने उन्हें मिशनरी आसन में कुछ देर चोदने के बाद कुतिया बनने को कहा।
उन्हें लगता था कि मैं उन्हें मार डालूँगा।
इसलिए, वे पहले मना करने लगीं।
बाद में वे कुतिया बन गईं, और मैंने भाभी को पीछे से चोदा।
उन्हें कुछ मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद, मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधों पर उठा लिए और फिर से उन्हें चोदने लगा।
इस तरह से चोदने का कारण था कि मेरा वीर्य उनकी चूत में घुस जाएगा।
इस आसन में मैंने भाभी को दस मिनट तक रगड़-रगड़ कर चोदा और अपना वीर्य छोड़ दिया।
मुझे जाने नहीं देते थे क्योंकि वे बहुत खुश थीं।
उस दिन एक बार चोदने से भी मेरा मन नहीं भर गया।
पर मुझे एक जरूरी काम से जाना था, इसलिए मैं उन्हें एक बार चोदकर वापस आ गया।
बाद में मैंने एक सप्ताह तक हर दिन उनको हचक कर चोदा और भाभी की कोख में बीज बोया। मतलब भाभी का गर्भ था।
उसके बाद दूसरे दिन उसके पति को दुकान का सामान लाने के लिए कहीं बाहर जाना पड़ा।
उस दिन रात को भाभी घर में अकेली थीं।
मेरी मां को फोन करके मुझे रात को सोने के लिए घर बुला लिया।
मैं भी गया।
मैं जानता था कि चूत मिलेगी ही, लेकिन मैंने सोचा कि आज भाभी की गांड मारने में भी मज़ा आ जाएगा।
इसलिए मैंने एक योजना बनाई कि भारतीय भाभी पोर्न देखकर मज़ा ले सकूँ!
मैं जानता था कि भाभी नहीं लेंगे क्योंकि उनकी गांड फट जाएगी।
मैं उनके घर गया और बहुत चोदा।
भी काफी थक गईं।
अब मैं भाभी की गांड में उंगली डालने लगा।
वे क्रोधित होकर कमरे से भाग गईं।
मैंने उनको पकड़ा और उनसे कहा कि वे ठीक हैं।
वे किसी तरह मेरा लंड अपनी गांड में लेने को मान गईं।
पहले मैंने उनकी गांड को अच्छी तरह से चाटा, फिर तेल लगाकर उंगली करके खोल दी।
अब उसकी गांड लंड के लिए तैयार हो गई।
मैंने उनके मुँह में अपना लंड डालकर उसे गीला कर दिया।
मैं धीरे-धीरे उनकी गांड में लंड डालने लगा, लेकिन पहली बार नहीं गया।
फिर मैंने लंड पर अधिक तेल डाला, जिससे आगे वाला हिस्सा अंदर घुस गया।
वे चीखने लगीं: “आह बाहर निकाल।” निकाल!
पर मैंने फिर से जोर लगाकर धक्का मारा।
इस बार भाभी की गांड में मेरा आधा लंड घुस गया।
इसके बाद वे रोने लगीं।
लेकिन मैं जानता था कि अगर मैं इस बार उन्हें छोड़ दूंगा, तो वे मुझे कभी अपनी गांड नहीं मारने देंगे।
मैं रुक गया और उनके चूचे मसलता रहा, फिर उनको किस करने लगा।
जब भाभी का दर्द कम हुआ, मैंने पूरा सात इंच का काला लंड अंदर डाल दिया।
मैंने भाभी का मुँह दबाया, हालांकि उसे बहुत दर्द हुआ।
हमारे घर के आसपास पड़ोसियों की आवाजें सुनाई देती थीं।
फिर थोड़ी देर बाद, जब उनकी गांड पूरी तरह से खुल गई, मैं धीरे-धीरे उनकी गांड मारने लगा।
अब वे भी गांड मरवाने लगी।
उन्हें भी अच्छा लग रहा था।
उस दिन मैं भाभी की गांड बहुत देर तक पीटा।
उसकी गांड मारने का अनुभव आज तक मेरा सबसे अधिक सेक्स अनुभव था।
मेरी गर्लफ्रेंड की गांड मारने में इतना मज़ा नहीं आया था जितना भाभी की गांड मारने में।
प्रिय, मैं क्या बताऊँ? भाभी की गांड इतनी मखमली थी! अब तक मैंने उनकी गांड की सबसे अच्छी चुदाई की है।
मुझे उनकी चूत मारने में इतना मजा नहीं आया था जितना गांड मारने में।
भाभी की चुदाई करने का एक और लाभ था कि मुझे अपनी प्रेमिका को चोदने के लिए जगह की परेशानी नहीं थी।
लेकिन मैं अपनी पड़ोस की भाभी को भी चोदता हूँ, इस बात को सैट करने में गर्लफ्रेंड को थोड़ा ड्रामा करना पड़ा।
अब मैं अपनी प्रेमिका को जब भी चोदना चाहता हूँ, भाभी के घर ले जाकर उसके सामने ही चोदता हूँ।
हम तीनों ने भी एक बार थ्रीसम किया।
उस थ्रीसम सेक्स वास्तव में सबसे अच्छा था।
साथ ही, दोनों को एक साथ चोदने का मेरा अनुभव आपको बताना चाहता हूँ।
पर सिर्फ आपके आदेश पर लिखूँगा।
भाभी गर्भवती हैं, इसलिए मैं सिर्फ अपनी प्रेमिका को चोद सकता हूँ।
पेट में होने के कारण भाभी अब कभी कभी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसती हैं।
मैं अब भाभी को चोदने की इच्छा नहीं रखता, इसलिए मैं वहां नहीं जाता।
यह कहानी कुछ महीने पहले की है, इसलिए मैं नहीं जान सकता कि भाभी के पेट में लड़का या लड़की है। लेकिन वे मेरे लिंग से प्रेगनेंट हैं।
भारतीय भाभी पोर्न कहानी आपको पसंद आई होगी, तो मेल करके मुझे बता सकते हैं।
आपका प्यार।