Sex orgy with cousins Sex Orgy का आयोजन मेरी चचेरी बहनों ने मिल कर किया एक रात! उस रात में मैंने अपनी 4 कज़िन को एक एक करके चोदा. उन चारों ने प्लान करके मेरे साथ यह खेल खेला.
दोस्तो, मेरा नाम आशु है. मैं बिहार का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र अभी 19 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच है.
मेरा बदन कुछ खास नहीं है पर मेरा लंड बहुत खास है … यह 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है.
इसके अलावा मेरी चुदाई की क्षमता बहुत ज्यादा है, ये मुझे अपनी बहनों की चुदाई Sex Orgy में करने के बाद मालूम हुआ था.
मेरे दादा 3 भाई में सबसे छोटे हैं. मैं उनका सबसे बड़ा पोता हूं.
मेरे दादा के बड़े भाई के बेटों से जो बेटियां पैदा हुई हैं. वे सभी मेरी चचेरी बहनें हैं.
उनके साथ मेरी चुदाई किस तरह से हुई ये उसी की सेक्स कहानी है.
आगे बढ़ने से पहले मैं अपनी बहनों के बारे में बता देता हूँ.
सबसे बड़ी बहन, जिन्हें मैं दीदी बोलता हूँ … उनका नाम नीतू है.
नीतू दीदी की उम्र 25 साल की है और उनका फिगर 34-30-36 का है.
उनके बाद कुसुम दीदी हैं, उनकी उम्र 22 साल है.
कुसुम दीदी का फिगर और भी ज्यादा खतरनाक है.
वे 32-28-34 के कातिलाना फिगर की मालकिन हैं.
कुसुम दीदी के बाद स्वीटी और ब्यूटी दो जुड़वां बहनें हैं.
स्वीटी मेरी ही उम्र की है.
उसका फिगर 30-26-32 का है.
और उसके साथ जो उसकी जुड़वां बहन है, उसका नाम ब्यूटी है.
ब्यूटी के दूध नींबू के साइज के हैं और वह एकदम पतली सी काया वाली लड़की है.
यह सेक्स कहानी सन 2021 के रक्षाबंधन के दिन की है.
उस वक्त मैं पटना से राखी बंधवाने अपने घर आया था.
मेरी दादी बोलीं- जाओ बड़े दादा के यहां तुम्हारी सब दीदी तुमको बुला रही हैं. उनसे जाकर राखी बंधवा लो.
मैं चला गया.
उधर गया तो देखा कि नीतू दीदी चुस्त सलवार सूट में बड़ी ही मस्त माल लग रही थी और एकदम प्रियंका चोपड़ा के जैसे दिख रही थीं.
उनके पीछे खड़ी कुसुम दीदी भी कम नहीं लग रही थीं.
उन्होंने भी सलवार सूट ही पहन रखा था.
फिर जब मैंने स्वीटी को देखा तो बस देखता ही रह गया.
वह टी-शर्ट और जींस में बवाल लग रही थी.
उसी के साथ चिपक कर खड़ी ब्यूटी भी टॉप और जींस में मस्त लग रही थी.
उसके नींबू जैसे चूचे क्या नोकदार लग रहे थे, देख कर ही लंड हिचकोले लेने लगा था.
मैं उनके करीब गया और दीदी को प्रणाम करते हुए पूछा- बड़ी मम्मी नहीं दिख रही हैं … और न ही भाभी दिख रही हैं?
नीतू दीदी बोलीं- वे सब लोग अपने अपने भाइयों के घर राखी बांधने गई हुई हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
अब वे सब लोग मुझे राखी बांधने लगीं.
जब सबने राखी बांध ली तो मैंने उन्हें गिफ्ट के रूप में पैसा देना चाहा.
इस पर नीतू और कुसुम दीदी बोलीं- इस बार पैसे से काम नहीं चलेगा. आज तो कुछ और ही देना पड़ेगा.
मैं कुछ हैरान सा होते हुए बोला- हां, बताइए आपको क्या चाहिए, मैं लाकर दे देता हूँ.
दीदी बोलीं- जो हमें चाहिए, वह मार्केट में नहीं मिलेगा!
फिर मैंने कहा- तो आपको ऐसा क्या चाहिए?
दीदी मुस्कुरा कर बोलीं- शाम को बताऊंगी. आज रात तुम यहीं आकर सो जाना.
मैंने कहा- आप मेरी दादी से बोल दीजिएगा कि आशु को मेरे घर भेज दीजिए.
दीदी ने हामी भर दी और सब वैसा ही हुआ.
शाम को दादी बोलीं- जा, नीतू दीदी बुला रही हैं.
मैं चला गया.
उधर गया तो सब बैठी हुई थीं और हंसी ठिठोली कर रही थीं.
मैं भी उनके करीब जाकर बैठ गया.
उस समय 7 बज रहे थे.
दीदी बोलीं- चलो गेस्ट रूम में चलते हैं.
वे सभी को एसी वाले गेस्टरूम में ले गईं और उधर हम पांचों भाई बहन बैठ कर बात करने लगे.
स्वीटी बोली- दीदी, हमारा गिफ्ट?
तो दीदी बोलीं- तुझे गिफ्ट की बड़ी जल्दी पड़ी है, रुक जरा सब्र कर!
हम सब बातें करने लगे.
दो घंटे कब निकल गए, कुछ पता ही न चला.
लगभग 9 बजे ब्यूटी अपने रूम में चली गई.
उसके जाने के बाद कुसुम दीदी ने रूम बंद कर दिया और मेरे पास आकर नीतू दीदी से बोलीं- दीदी, अब तो गिफ्ट मांगो.
नीतू दीदी मुस्कुरा दीं और बोलीं- सुन आशु, हम जो गिफ्ट मांगेंगी … वह तुम दोगे न!
मैं बोला- अगर मेरे पास होगा, तो पक्का आप सबको मिलेगा!
दीदी बोलीं- आंख बंद करो और जब तक न बोलूं, मत खोलना.
मैं बोला- ठीक है.
दस मिनट के बाद दीदी बोलीं कि अब आंख खोलो.
जब मैंने आंखें खोलीं तो एकदम चौंक गया.
नीतू दीदी, कुसुम दीदी और स्वीटी तीनों ब्रा पैंटी में थीं.
मैं उन्हें यूं देख कर हैरान हो गया था.
मैं- दीदी, आप लोग ये सब क्या कर रही हो. आप सब मेरी बहनें हो, ये ठीक नहीं है!
नीतू- सब ठीक है, बस तुम ये सोचो कि हम तुम्हारी बहन नहीं है. सिर्फ जवान लड़कियां हैं, जो तुमसे चुदवाना चाहती हैं.
मैं- दीदी अगर किसी को पता चला तो!
नीतू दीदी- किसी को कैसे पता चलेगा, यहां हम सबके अलावा कौन है?
उसी वक्त Sex Orgy की शुरुआत करते हुए स्वीटी आगे को आई और मुझे किस करने लगी.
मैं भी खुशी के मारे उसे किस करने लगा और उसके चूचे दबाने लगा.
नीतू और कुसुम दीदी ने मेरे ट्राउजर को खींच कर उतार दिया और मेरा लंड सहलाती हुई एक दूसरे को किस करने लगीं.
फिर बड़ी दीदी ने मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया और लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं.
उस वक्त मेरा लंड लटकी हुई अवस्था में था.
हालांकि दीदी के हाथ लगाने से लौड़े में जान आने लगी थी.
फिर कुसुम दीदी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं और नीतू दीदी मेरे आंडों के साथ खेलने लगी.
मैंने स्वीटी की ब्रा को खोल दिया और उसकी भरी हुई चूचियां मसलने लगा.
तभी कुसुम दीदी उठीं और उन्होंने मुझे लेटा दिया.
उसके बाद दीदी ने अपनी पैंटी खोल कर मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दी.
मैं दीदी की चूत चाटने लगा.
कुछ देर बाद नीतू दीदी भी उधर आ गईं.
तो कुसुम दीदी अपनी चूत उठा कर मेरे मुँह के ऊपर से हट गईं और मेरी छाती के बालों के साथ, मेरे निप्पलों के साथ खेलने लगीं.
कुछ देर के बाद नीतू दीदी ने मेरे लंड को अपने मुँह में पूरा अन्दर तक ले लिया और किसी पेशेवर रंडी की तरह लंड चूसने लगीं.
वे बोलीं- आशु, अब अपना लंड मेरी चूत के अन्दर डाल दो. मुझसे नहीं रहा जा रहा है.
मैंने नीतू दीदी को नीचे लेटाया और उनकी चूत खोल कर चाटने लगा.
उतनी देर में नीतू दीदी झड़ चुकी थीं.
तब मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उनकी चूत पर लंड सैट करके एक धक्का दे दिया.
दीदी की चूत गीली थी तो मेरा लंड लगभग 3 इंच अन्दर घुस गया.
उनको दर्द हुआ, पर वे सहन कर गईं.
मैंने फिर से एक और जोरदार धक्का लगा दिया.
अब मेरा लंड 5 इंच तक चूत के अन्दर घुस गया.
वे कराहने लगीं, उनकी आंख से पानी आ गया और चूत से खून बहने लगा.
कुसुम दीदी ने ये सीन देखा तो वे झट से एक कपड़ा ले आईं और चूत से बहता हुआ खून पौंछने लगीं.
उसके बाद चुदाई कुछ थम सी गई थी.
हम दोनों चूत लंड फंसाए यूं ही रुक गए थे और एक दूसरे को चूम रहे थे.
बाजू में बैठ कर स्वीटी, नीतू दीदी को किस कर रही थी और कुसुम दीदी स्वीटी की चूत चाट रही थीं.
थोड़ा आराम मिलने के बाद नीतू दीदी अपनी कमर हिलाने लगीं तो मैं समझ गया कि अब दीदी को मजा आने लगा है.
मैंने एक और धक्का दे दिया और इस बार मेरा पूरा लंड दीदी की चूत के अन्दर चला गया.
नीतू दीदी तड़पती हुई बोलीं- अभी पूरा नहीं गया था क्या?
मैं बोला कि नहीं, पर अब पूरा चला गया है.
यह कह कर मैं लंड आगे पीछे करने लगा.
कुछ ही देर बाद उन्हें भी मजा आने लगा.
जब वह फिर से झड़ गईं तो बोलीं- मेरा हो गया है और अब मैं हट रही हूं. मुझे अपने रूम में सोने जाना है.
यह कहती हुई दीदी ने मुझे अपने ऊपर से हटाया और वे लंगड़ाती हुई अपने कपड़े समेट कर चली गईं.
उनके हटते ही कुसुम दीदी मेरे खड़े लौड़े को देखने लगीं और वे बोलीं- आशु, तुम्हारा हथियार कितना बड़ा है!
मैं बोला- आ जाओ दीदी, आप खुद ही लेकर देख लो!
वे हंसती हुई बोलीं- हां लूँगी, पर पहले इसकी लंबाई तो नाप लूँ.
तब वे अपने सिलाई के सामान में रखा हुआ इंची टेप ले आईं और मेरे लंड को नापने लगीं.
उस वक्त मेरा लंड चूत से निकल कर तमतमा रहा था, तो वह नापने पर लगभग साढ़े सात इंच का निकला.
दीदी आंखें फाड़कर बोलीं- बाप रे … इतना बड़ा तो सिर्फ सेक्स वीडियोज में ही होता है. इसे अन्दर लिया तो मैं तो मर ही जाऊंगी.
मैं बोला- अरे कुछ नहीं होगा दीदी, आपने देखा न कि नीतू दीदी कैसे सह गईं. पहले थोड़ा सा दर्द होगा, पर बाद में आपको भी खूब मजा आएगा.
मेरी बातों से कुसुम दीदी कुछ सहमत होती दिखीं, तो मैंने कुसुम दीदी को हाथ से पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा.
स्वीटी, दीदी की चूचियां दबाती हुई उनके साथ खेलने लगी.
वह दीदी के एक दूध को पीने लगी और दूसरी चूची को मसल रही थी.
मैं कुसुम दीदी से बोला कि अब आप लंड के धक्का खाने के लिए तैयार हो जाओ.
मैंने उनकी चूत पर लंड रखा और एक धक्का दे मारा.
मेरे लंड पर लगा नीतू दीदी की चूत का रस और कुसुम दीदी की चूत के रस के चलते पहले धक्के में ही मेरा लंड लगभग पांच इंच अन्दर घुसता चला गया.
दीदी बस कराह कर रह गईं- उई मम्मी रे … मेरी फट गई आह … धीरे कर साले.
कुसुम दीदी भी अभी तक की चूत चटाई में एक बार झड़ गई थीं. मेरे लौड़े के पेलने के साथ ही वे फिर से झड़ गईं.
उनकी चूत के झड़ते ही उसमें और ज्यादा चिकनाई आ गई.
मैंने चिकनाई का अहसास करते ही एक और तेज धक्का लगा दिया.
मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर समा गया.
अब वे रोने लगीं और बोलीं- आह मैं मर आई … बाहर निकालो … मुझे नहीं चुदवाना.
मैंने उनकी एक नहीं सुनी. बस अपनी ही धुन में आगे पीछे करते हुए दीदी को चोदने लगा.
पांच मिनट बाद दीदी को भी मजा आने लगा और वे अपनी कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं.
अब मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और उन्हें घोड़ी के पोज में लेकर पीछे से चोदने लगा.
तभी दीदी की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और वे निढाल होकर बोलीं- अब रहने दो!
मैं बोला- बस दो मिनट में मैं भी झड़ने वाला हूँ.
मैं तेज तेज शॉट मारने लगा और कुछ ही देर में मैं भी झड़ने को हो गया.
मैंने अपना लंड चूत से निकाल कर दीदी के मुँह में दे दिया और लौड़े का पानी दीदी के मुँह में छोड़ दिया.
वे भी मजे से लंड की मलाई पी गईं और गांड हिलाती हुई अपने कपड़े लेकर बाहर चली गईं.
उनके बाद स्वीटी आई और मेरे लौड़े को हाथ से सहलाती हुई बोली- आशु इन सबकी चुदाई देख कर मैं भी झड़ चुकी हूँ.
उसी वक्त मैंने देखा कि कुसुम दीदी बाहर गई थीं तो वे गेट खुला छोड़ गई थीं और कोई अन्दर झांक रहा था.
मैंने आवाज देकर पूछा- बाहर कौन है?
तो ब्यूटी सामने आ गई.
मैंने पूछा- तू कब से देख रही है?
वह हंस कर बोली- जब कुसुम दीदी गईं, उसी के बाद से!
मैं बोला- तुम सोई नहीं थी क्या?
वह बोली- नहीं.
मैंने पूछा- क्यों?
वह बोली- ऐसे ही, मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं बाहर आकर सब सुन रही थी.
‘अच्छा, मतलब तुमने सब बात सुन ली है?’
वह बोली- हां.
स्वीटी बोली- चलो, तुम जाओ और सो जाओ.
ब्यूटी बोली- नहीं मुझे देखना है कि कैसे क्या होता है. नहीं तो मैं पापा और मम्मी को सब बता दूंगी.
स्वीटी बोली- ठीक है.
मैं बोला- अपने सारे कपड़े खोल कर सामने बैठ जाओ.
अब मैं वापस गर्म होने लगा था और स्वीटी को किस करने लगा, उसकी चूचियों को दबाने लगा.
जल्द ही हम दोनों 69 के पोज में हो गए और एक दूसरे का चूसने चाटने लगे.
ब्यूटी ये सब देख कर अपनी चूत सहला रही थी.
मैं बोला- स्वीटी, अब तुम लेट जाओ.
पर तभी वह झड़ गई और निढाल हो गई.
वह निढाल होकर लेट गई.
तो मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया और एक जोर लगा कर धक्का मारा.
मेरा मूसल ब्रांड लंड दो इंच से ज्यादा उसकी नन्हीं सी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
वह तेज दर्द से रोने लगी.
मैं रुक गया और उसकी चूची सहलाने लगा, उसे किस करने लगा.
कुछ देर में जब उसे आराम हुआ, तो मैंने एक और धक्का दे दिया.
मैंने अपना पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
वह तड़पने लगी और लंड बाहर निकालने को बोलने लगी.
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उसे दबादब चोदने लगा.
दस मिनट के बाद मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और चोदने लगा.
फिर उसे घोड़ी बना कर चोदने लगा.
तभी मैंने देखा कि ब्यूटी एक पेन को अपनी चूत के अन्दर बाहर कर रही है.
यह देख कर मेरी स्पीड और बढ़ गई.
मैं और तेजी से चोदने लगा.
फिर कुछ देर बाद उसे अपने लौड़े के ऊपर बैठा कर चोदने लगा.
तब तक वह कई बार झड़ चुकी थी लेकिन साली लंड से हटने का नाम नहीं ले रही थी.
मैं भी उसे छोड़ना नहीं चाहता था; मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था.
फिर मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूँ.
मैंने कहा- मैं आने वाला हूँ.
वह बोली- आशु, तुम मेरे मुँह में झड़ जाओ और कुछ माल मेरी चूचियों पर डाल दो.
मैंने चूत से लंड निकाला और उसके ऊपर झड़ गया.
वह लंड चूसने के बाद जाने लगी और बोली- ब्यूटी चलो.
ब्यूटी बोली- नहीं, तुम जाओ … मैं भईया के साथ ही सोऊंगी.
स्वीटी बोली- आशु, इसे कुछ मत करना ओके!
तो मैं बोला- अगर ये कहेगी तो?
वह बोली कि बस इसकी चूत चाट लेना. ये तुम्हारा घोड़े जैसा लंड नहीं सह पाएगी.
वह चली गई.
तब तक 3 बज गए थे.
मैं बोला- चल, अब सोते हैं.
वह मेरे साथ चिपक कर सो गई.
मगर आग और भूसा कभी एक साथ रह भी सकते हैं.
यही हुआ भी, कुछ ही देर में ब्यूटी ने मेरे लंड को चूस कर खड़ा कर दिया और मुझे मजबूर कर दिया कि मैं उसकी चूत का भोसड़ा बना दूँ.
सुबह पांच बजे तक ब्यूटी चुद कर नंगी ही मेरे लौड़े पर सो गई.
मैं भी अपनी बहनों को चोद कर शांति से सो गया.