दोस्त की चाची की चूत कड़कती बिजली में चोदी

Sexy Chachi Ke Sath Sex मैंने अपने दोस्त की सुंदर चाची से यौन संबंध बनाए! दोस्त की शादी में मैं गया था। वहीं उसकी चाची मिली। वह नखरे करने लगी जब मैंने उस पर डोरे डालने की कोशिश की।

प्रिय, मैं विशु हूँ!
मेरी पहली कहानी: ठाकुर ने चूत चोदकर पैसे लिए

मैं फिर से आपके लिए एक नई कहानी लाया हूँ।

मेरे दोस्त की बहन की शादी उसके गांव में हुई।
उस विवाह के लिए उसने मुझे बताया कि तुम शादी में चलना होगा।
मैं भी समझ गया।

बारिश दिन था। हम ट्रेन से गाँव की ओर चले गए।
शादी के घर में मेहमानों का आना लगा।

घर काफी बड़ा था। सब लोगों को रुकने के लिए अलग-अलग कमरे दिए गए।

ऐसे ही एक नया जोड़ा उस घर में घुस गया।
उस जोड़े को देखकर मैंने अपने दोस्त से पूछा कि वे कौन हैं?

“ये मेरे दूर के चाचा चाची हैं,” मेरा दोस्त बताया। पिछले साल उनकी शादी हुई थी।

मैं उसकी नवविवाहित चाची को देखता रहा।
उसकी चाची बहुत प्यारी थी। क्या टाईट चूक गया था..। वह उस पर से कभी नहीं हट रही थी।

मैं उसके चूचों को चूम रहा था।
मैं बहुत वासना से उस कातिल फिगर को देख रहा था।
सेक्सी चाची के साथ सेक्स करने का मेरा मन बन गया।

वह भी इसे नहीं जानता था।
उसने मुझे भी देखा और क्रोध से अपनी आंखें बड़ी कर दीं।

लेकिन मैं कहां विश्वास करने वाला था?
मैं मुस्कराया।
वह गुस्से से अपने कमरे में चली गई।

वह मेरे दिल में घर बन गया।
उस सुंदर चेहरे को देखकर मुझे गुस्सा आया।

मैंने अपने दोस्त से कहा कि वह अपने चाचा-चाची से मेरी जान पहचान ले, क्योंकि मैं बोर हो रहा हूँ।

मैं उसके कमरे में गया।
वहां उसने चाचा चाची को धन्यवाद दिया।
मैंने भी नमस्कार किया।

जैसे मैं लुच्चा टाईप का लड़का हूँ, चाचा ने मेरे प्रणाम का जवाब दिया।
पर मैं हंसा।

फिर मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि विशू मेरा विशिष्ट दोस्त है, चाचा। और विशू, ये दोनों मेरे प्यारे चाचा और प्रकाश चाचा हैं। पिछली बार मैं तुम्हें उनकी ही शादी में चलने को कह रहा था, लेकिन तुम नहीं आया।
मैंने कहा, हाँ आदमी, सॉरी चाचा..। मैं माफी चाहता हूँ कि मैं आपकी शादी में नहीं आ पाया।

अरे नहीं, चाचा जी ने कहा। मैं माफी चाहता हूँ। ऊपर आने से मजा आता।
हां, मजा तो जरूर आता, मैंने चाची की ओर देखा।

मैंने कुछ बातों के बाद चाचा से कहा कि आप बहुत लकी हो, चाची, और आपकी जोड़ी अद्भुत है। आप हर किसी का नसीब नहीं होता।
चाचा ने हंसकर धन्यवाद दिया।
पर यह सब मैंने चाची को आश्वस्त करने के लिए कहा था।

चाची की खूबसूरती की बात सुनकर उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई, लेकिन उन्होंने मुस्कुराहट छोड़ दी।
हम दोनों बाहर निकल गए।

मेरा दोस्त अपने काम में लगा हुआ था।
मैं चाची की खरीदने के लिए उत्सुक था।

तभी चाचा बाहर आकर घर के बाहर बैठे पुरुषों में शामिल हो गए।
मैं चाची के कमरे में गया और उनसे पूछा कि क्या आप मुझसे नाराज हैं।

मैं आपको जानती ही नहीं, चाची ने कहा..। तो मैं गुस्सा कैसे हो सकता हूँ!
मैंने कहा कि अभी हमारी जान पहचान गई।

उसने कहा कि वह किसी से जल्दी घुल-मिल नहीं पाती..। और आप जैसे लड़कों से दो गज की दूरी बनाती हूँ।

मैंने कहा, “तुम मेरी तरह क्या सोचते हो?” मैं सड़क छाप नहीं हूँ। मैं 20 एकड़ जमीन, एक दुकान और एक कारखाना का अकेला मालिक हूँ। यह हमारी हवेली से दोगुना है।
मैंने दो से चार चीजें फेंक दीं।

उसकी आँखें चमक उठीं।

लेकिन मुझे तुमसे बात करने में कोई रुचि नहीं है।”

मैंने कहा कि मैं सिर्फ आपके दिल में दिलचस्पी लाकर रहूँगा।
मैं बाहर चला गया।

कुछ देर बाद पुष्पा तीसरी मंजिल की ओर चली गई।
ज्यादातर लोग वहां नहीं जाते थे, सिर्फ कुछ सामान लाने जाते थे।

मैंने इस अवसर को सही समझा और इसे नहीं छोड़ा।
मैं भी उसके पीछे हुआ।

उसी समय बारिश होने लगी।
सब लोग बाहर से सामान अंदर लाने में लगे हुए थे।

मैं उसके करीब पहुंचा जब तक बारिश तेज हो गई।

वह अकेली रहती थी।
मैंने उसे चाची कहकर बुलाया।

उसने पीछे देखा।
तुम यहां क्या कर रहे हो? उसने मुझे देखकर पूछा।

मैं आपकी मदद करने आया हूँ, कहा।
मुझे आपकी मदद की जरूरत नहीं है, वह कहती थी।
मैंने पूछा, “मुझसे असंतोष क्यों है?” मैंने तुम्हें क्या बिगाड़ा? आपकी खूबसूरती मुझे मोहित कर दी है।

मैं तुम्हारे हाथ आने वाली नहीं हूँ, पुष्पा ने कहा। मैं आप जैसे लड़कों को जानता हूँ। आप इस स्थान से चले जाते हैं..। यदि मैं खींचकर चांटा मार दूँगा, तो तुम्हारी बुद्धि खराब हो जाएगी।

अब मेरी आत्मा गर्म होने लगी; साथ ही मेरी आंखें बड़ी हो गईं।

तभी बिजली कड़की।
बिजली कड़कने की आवाज सुनते ही पुष्पा घबरा गई और मुझसे लिपट गई।

मैं कुछ भी समझ नहीं पाया..। लेकिन मुझे उसका लिपट जाना अच्छा लगा।
अभी तक मैंने उसको अपनी बांहों में नहीं लिया था।

एक बार फिर बिजली कड़की, वह मुझसे और अधिक चिपक गई।

पहले मैंने हर जगह देखा, वहाँ कोई नहीं था।
फिर मैं भी उसे अपने हाथ में ले गया।

जब बिजली फिर से कड़की, तो वह मेरी पीठ में नाखून डालने लगी।

वह डर गया, तो मैंने उसे अपनी बांहों में उठाकर बगल वाले कमरे में ले गया।
फिर मैंने उसके बालों में हाथ घुमाया, उसकी गर्दन पर किस किया और उसके चूचे मेरे सीने पर दबने लगे।

एक अलग तरह का अहसास था। एक बार फिर बिजली कड़की, वह और मैं एक दूसरे में समा गए।
मैं भी उसके मांसल गांड पर हाथ फेरने लगा।

उसे कोई प्रतिरोध नहीं था।
पीछे से मैंने उसकी साड़ी उठा दी।

उसकी मखमली गांड का उभरा हुआ हिस्सा मेरे सामने था।
मैंने उसकी पीठ में उंगली घुमाई और उसे सहलाया।

अब तक, मेरा लंड तैयार होकर उसकी जांघों में घुसने की कोशिश कर रहा था।
उसने अपना मुँह मेरे सीने में छिपा लिया।
उसकी सुगंध मुझे और भी उकसा रही थी।

मैंने अंडरवियर भी उतार दी और एक हाथ से अपनी पतलून खोल दी।
अभी भी वह मुझसे चिपकी रही।

बिजली बार-बार कड़क रही थी।
अब तक मैंने उसकी साड़ी पहनी हुई थी।
उसने कुछ भी नहीं पहना था।

फिर मैंने उसे उठाया। उसने मेरी गर्दन को ऐसे कसकर पकड़ लिया, जैसे वह एक छोटी बच्ची हो।
मैंने उसकी चूत को थोड़ा सा हाथों से सहलाया, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।

मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाली।
वह मेरे हाथों में उछली, लेकिन नहीं बोली।

मैं उसकी चूत को अपने हाथों से चोदने लगा।
जल्द ही वह भी गाने लगी।
उसकी चूत भी गर्म हो गई, मेरी उंगलियों में उसका रस चिपकने लगा।

मैं अभी भी उसके गले पर किस कर रहा था और उसकी चूत को उंगली से चोद रहा था।
मैंने उसके कान से गले तक अपनी जुबान से गीला किया।

उसकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर आने लगी।
मैंने अपनी जुबान से चाटा और उसके गले की नस को होंठों से चूमा।
फिर दांतों से उसकी नस काटने लगा।

वह मेरे इस प्रहार से और भी गर्म हो गई।
अब देर करना उचित नहीं था, इसलिए मैंने अपने लंड को खड़े खड़े उसकी चूत पर सैट कर दिया।

वह मेरे हाथों में झूल रही थी, पैर हवा में।
उसकी चूत के द्वार पर मेरा लंड था।

वह मेरे साथ लिपटी हुई थी।
अब मैं धीरे-धीरे उसको अपने लंड पर बैठाने लगा।
लंड भी धीरे-धीरे उसकी चूत के अन्दर जाने लगा।

चाची की चूत कसी हुई थी, हालांकि उसकी चूत का मुँह बहुत खुला नहीं था।
वह मेरा आधा लंड भी नहीं ले पा रही थी।
लंड घुसते ही ऊपर जाता।

चार से पांच बार ऐसा हुआ।

फिर मैंने पूरी ताकत से उसकी जांघों को कसके पकड़ा और उसे अपने लंड पर दबा दिया।

मैंने भी उसी समय नीचे से अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया।

दोनों वारों से मेरा लंड एक ही झटके में उसकी चूत की गहराई तक पहुँचा।
वह रोने लगी क्योंकि इतना जबरदस्त धक्का था।

उसने मेरी गर्दन में अपने दांत गड़ा दिए, मेरा गला और कसके दबा दिए, लेकिन मुँह से कुछ नहीं कहा।

अब मैं उसको हवा में उछालकर धकापेल चोदने लगा।

वह भी हम्म-हम्म करती थी।
झटकों से सिर्फ हम्म-हम्म निकल रहा था।

मैं बार-बार उसे अपने लंड पर बिठा रहा था।

जल्द ही चूत के रस से फच फच की आवाज आई।

बाहर बारिश तेज हो गई।

अब वह भी लय में मेरे साथ थी।

वह फिर भयभीत हो गई जब बिजली कड़की।
डर के कारण उसकी चूत भी कस गई।
उसने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर लपेटकर मुझे फिर से कसके गले लगाया।

दस मिनट हो चुके थे कि उसे चोदते हुए।
अब मेरा हाथ भी दुखने लगा।

यहां वहां देखते ही एक बेड दिखाई दिया..। उस पर कुछ सामान था।

मैं पुष्पा को उठाकर उस बेड तक पहुंचा।
उसने पलंग के किनारे पर अपनी गांड टिकाकर सामान को नीचे गिरा दिया।
मैंने उसे लिटाया।

उसने अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया जैसे ही मैंने उसे लिटाया।
उसकी जांघों के बीच में अब मैं खड़ा था। लंड अभी भी चूत में घुसा हुआ था।

मैंने फिर से उसे चोदना शुरू किया।
अब मैंने उसके चूचों और ब्रा के हुक खोल दिए।

फिर मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में डालकर एक चूचे को दबाने लगा।
एक चूचे के बाद दूसरा मुँह में भरकर चूसने लगा।

उसके निप्पलों को चूसने लगा।
वह अभी भी मुँह ढका हुआ था।

अब मैं खुश हो गया और अपनी एक उंगली से उसकी गांड के छेद को कुरेदना शुरू कर दिया।

उसी उंगली को गांड के छेद में डाल दिया।
वह उछल पड़ी और जोर से गांड हिलाने लगी ताकि उंगली बाहर निकल जाए।

लेकिन मैंने उस उंगली को अंदर ठेल दिया।
अब मेरी पूरी उंगली मेरी गांड में घुस गई।
मेरी उंगली मेरे लंड को महसूस करती थी।

अब उसकी गांड में उंगली और चूत में लंड चलने लगे।

कुछ देर बाद मैंने उसके पैरों को ऊपर उठाया और उंगली निकाल दी।

मैं उसके पैर गले में डालकर उसे चोदने लगा।

बीस मिनट बाद हमारी शादी हुई।
इस बार वह ऐंठने लगी, अकड़ गई और आह करने लगी।

उसकी गर्म चूत से मेरा भी लंड निकलने को हो गया।
ताबड़तोड़ झटके के बाद मैं भी गिरने लगा।

मैंने एक सुंदर चाची से यौन संबंध बनाने का पूरा आनंद लिया!
पर बारिश जारी थी; बादल लगातार गरज रहे थे।

मैंने उसके कान के पास मुँह रखकर कहा, “पुष्पा, तुम्हारा फिगर कयामत है।” मैं खुशकिस्मत हूँ कि हूर नहीं है..। आज मैंने लड़की को चोद दिया।
वह सुन रही थी, लेकिन कुछ नहीं कहा।

मैं अभी भी उसकी चूत में था।
मैं भी खुद को बाहर नहीं निकाला।

हम दोनों ऐसे ही करीब दसवीं मिनट तक रहे।
थोड़ी देर बाद मेरा लिंग फिर से हिलने लगा।
अंदर ही वह कड़क हो गया।

मैं फिर से धक्के लगाने लगा।
तभी पुष्पा ने अपना हाथ हटाया और क्रोधित होकर मुझे देखा।
पर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर चूसने लगा।

ताकि मैं किस न ले सकूं, पुष्पा अपनी गर्दन यहां वहां पटकने लगी।
पर मैं भी उसका सर पकड़कर किस करने लगा।

लंड चूत में घुसते ही उसका जोर ठंडा हो गया।
चूत एक बार फिर चार्ज हुई।

उसकी गांड से हमारा वीर्य बेड पर गिर रहा था।

मैं उसे अपनी सनी हुई चूत में धकापेल चोद रहा था।
मेरा लिंग बहुत गीला था।
मैं रुका नहीं।

बीस मिनट बाद, मैंने पुष्पा की गांड के छेद पर लंड डाल दिया।

पुष्पा गुस्से से मुझे देखती थी।
बाद में मैंने उसकी कमर को कसकर धक्का दिया।

मैं फिसल गया।
पुष्पा ने हंस दिया।

फिर मैंने अपनी आंखें बड़ी की और धीरे-धीरे लंड को अपनी गांड में घुसाने लगा।
पुष्पा की गांड मेरा पूरा लंड निगल गई।

जब मैंने सवालिया नजर से उसकी ओर देखा, वह शर्मा गई और अपने हाथों से अपना मुँह ढक लिया।
उसकी गांड को मैं चोदने लगा।

मैं उसी की गांड को कुछ मिनट चोदने के बाद झड़ने लगा।
मैं उसकी गांड में अपने लंड डालकर कुछ देर लेटा रहा।

फिर मेरा लिंग मुरझा गया।
मेरा वीर्य उसकी गांड से बहने लगा।

मैं उसके ऊपर पड़ा रहता था।

हम दोनों कुछ देर बाद नॉर्मल हो गए।

मैं उठकर कपड़े पहनने लगा।

वह बेड पर अस्त व्यस्त पड़ी थी, जब मैंने उसके ऊपर देखा।
ब्रा गले में अटकी हुई थी और चोली खुली हुई थी। चूचे खुले थे..। लाल हो गए। साड़ी भी उठी हुई थी।

मेरी गांड और चूत के छेद से मेरा वीर्य बह रहा था।

उससे चिपककर मैंने कहा, “पुष्पा, आज तुझ पर मेरा ठप्पा लग गया है।” आज से पुष्पा विशू हो गयी है।

मैं बाहर निकल गया और वह हंसी।

कुछ देर बाद पुष्पा भी निकली।
कोई भी उसे देखकर उसे ठुकरा देता।

वह अपने कमरे में चली गई।
कुछ देर बाद वह कपड़े बदलकर बाहर आई।

मैं वहां पांच दिन तक रहा।
उसे हर दिन चोदते थे।

कमीनी भी नकचड़ी थी और खुलकर चुदी थी..। किंतु साली ने मुझसे कुछ नहीं कहा। बस आंखों से इशारों में बोली, कुछ भी नहीं बोली।
कसम ने एक हूर पुष्पा दी।

वह उसके बाद नहीं मिली; उसने अपना नंबर भी नहीं दिया।
बस चुद कर चली गई और यौन कहानी को समाप्त कर दी।
आपको धन्यवाद।
सेक्सी चाची के साथ सेक्स करना मुझे बहुत अच्छा लगा, तो आप भी बताएं कि आपको कैसा लगा।

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