Sexy New Bhabhi Kahani में मैंने अपने ममेरे भाई की पत्नी को चोदा। उनकी शादी को एक महीना बीत गया था। मैं मामा के घर गया तो भाभी को कैसे व्यवस्थित किया?
मैं राहुल हूँ और मैं २२ वर्ष का हूँ।
मैं सर्दियों की छुट्टियों पर अपनी मामा के घर गया था. यह सेक्सी न्यू भाभी कहानी उस समय की है।
मेरे मामा के लड़के की शादी को सिर्फ एक महीना हुआ था कि भैया फिर से मुंबई चले गए।
भाभी यहीं घर में माँ की देखभाल करती थीं।
जब मैं मामा के घर पहुंचा, तो वे पांच दिनों के लिए श्री ख़ाटू श्याम की पूजा में गए हुए थे।
सिर्फ भाभी और मामा की लड़की उनके घर पर थीं।
उस वक्त मैंने भाभी को पहली बार देखा था। वे कोई परी नहीं थीं।
उनका वजन 32-30-36 था। एकदम नवीन माल थीं।
उन्हें देखते ही मुझे पागलपन आ गया और मेरा लंड खड़ा होकर मेरी पैंट में फूल गया।
जैसे ही मैं उधर पहुंचा, दीदी मुझसे बात करने लगी।
मेरे बारे में दोनों बहनें पूछने लगीं।
भाभी बहुत ध्यान से मेरी बात सुन रही थीं और बार-बार मेरी पैंट की तरफ देखती थीं।
कुछ देर बाद भाभी और दीदी ने मुझसे खाना लेने को कहा।
मैं बहुत थका हुआ था, इसलिए खाना खाकर लेट गया।
मैं कुछ देर विश्राम करके शाम को उठा तो देखा कि भाभी ने कपड़े बदल लिए थे; उन्होंने नीली साड़ी पहनी थी। भाभी ने ब्लू साड़ी और लाल ब्लाउज पहना था।
वे बहुत सेक्सी लगीं।
इस क्रॉस मैचिंग में भाभी को देखकर मैं पागल हो गया और एक बार फिर मेरा लंड सलामी देने लगा।
साथ ही, भाभी ने मेरे खड़े लंड को फिर से देखा और मुँह छिपाकर हंसने लगी।
मेरे जागने पर भाभी ने पूछा-क्या मैं आपके चाय ले आऊं, देवर जी?
हां भाभी, मैंने उन्हें देखते हुए कहा।
फिर भाभी चाय लेकर आ गईं और वहीं बैठकर चाय पीने लगीं।
मेरे साथ हंसते हुए भाभी ने पूछा, “देवर जी, आप सिर्फ कॉलेज में पढ़ते हैं या कोई देवरानी भी सैट कर रखी है?”
मैंने कहा, भाभी, अभी तक कोई अच्छी मिली नहीं है।
भाभी, आप बहुत प्यारे हैं..। फिर भी एकल?
मैं कहता हूँ कि भाभी जी, मेरी किस्मत में कोई अच्छी आई नहीं है।
भाभी, आपको क्या प्रकार की लड़की चाहिए?
मैं- कुछ खास नहीं, लेकिन आपके जैसा होना चाहिए।
भाभी ने कहा, “हा हा हा, देवर जी, आप भी मजाक कर रहे हैं।” मेरी तरह क्यों? क्या मैं इतना खूबसूरत लगता हूँ? वैसे भी मेरे जीवन में पति का प्यार लिखा नहीं है। आपके भाई शादी होते ही फिर से काम पर चले गए।
मैं: नहीं, भाभी जी, मैं आपकी सेवा करने के लिए सर्दियों तक यहीं रहूँगा।
यह सुनकर भाभी को शर्म आ गई और वापस अपने कमरे में चली गई।
मुझे पता चला कि भाभी चुदाई करने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि उन्होंने अभी तक कोई पुरुष नहीं पाया है।
मैं आज भाभी की चुदाई करके रहूँगा।
फिर रात हुई और हम सब सो गए।
सिर्फ मेरे कमरे में हीटर लगा था, इसलिए भाभी रात को मेरे कमरे में हीटर चलाने आईं।
“देवर जी, घर में सिर्फ एक हीटर है, इसलिए मैं यहीं सो जाती हूँ।”
यह सुनकर मैंने कहा, “अच्छा तो आप और दीदी एक साथ सो जाओ, मैं सोफा पर सो जाऊँगा।”
इसके जवाब में भाभी ने कहा कि दीदी सो चुकी हैं और उनको हीटर नहीं चाहिए।
यह कहकर भाभी मेरे बेड पर एक ओर लेट गईं।
भाभी नाइटी पहनी हुई थी।
नीले रंग की नाइटी बहुत हल्की थी।
यह उनके शरीर पर चिपककर बहुत सेक्सी लग रहा था।
उस नाइटी में उनके निप्पल के दाने और पैंटी की लाइन दोनों स्पष्ट दिखाई देते थे।
मैं उन्हें देखकर भाभी को कैसे चोदूँगा सोच रहा था।
मेरी तरफ गांड घुमाकर भाभी लेट गई।
मैं उनकी रसीली गांड को देखकर उनसे रहा नहीं गया और उनके करीब सरक गया।
वे सो गईं।
मैंने भाभी की नाइटी ऊपर कर दी और अपने फोन की फ्लश लाइट चालू करके नीचे से देखने लगा।
नई भाभी की सुंदरता क्या थी? उन्हें लाल डोरी वाली पैंटी पहनी हुई थी।
मैंने भाभी की पिंक चूत को देखते ही पैंटी की डोरी खोल दी।
उसकी गुलाबी चूत देखते ही मेरा लंड टाइट हो गया और उसकी नसें फूलने लगीं।
मैंने पैंट खोलते ही लंड निकाल लिया।
वह भाभी की चूत में घुसने के लिए लंड सहलाने लगा।
मैंने भाभी के पास सरककर लंड को उसके चूत के सामने रखा।
भाभी की चूत इतनी टाइट लग रही थी मानो उन्होंने अभी तक किसी से चुदाई नहीं की होगी।
मैंने भाभी की चूत पर लंड रखा तो वह गीली हो गई और पानी छोड़ने लगी।
मैंने सोचा कि भाभी बस सो रहे हैं।
इससे मैं आश्वस्त हो गया और लंड को चूत में धकेलने लगा।
मेरा मोटा और लंबा लंड चूत में नहीं जा रहा था।
उधर, भाभी उत्तेजना से कांप रही थीं और ऐसी ठंड में उनके शरीर से पसीना निकलने लगा था।
तब मैंने फिर से अपना लंड चूत में डाला, तो भाभी ने हल्के से कहा, “देवर जी, इतना बड़ा लंड कैसे अंदर जाएगा?”
मैंने पूछा: तो क्या करूँ?
तो भाभी ने कहा, “कोई क्रीम लगाकर मेरी चुदाई करो।”
यह कहते हुए भाभी उठकर कोल्ड क्रीम ले आईं।
मैंने अपने लंड पर और भाभी की चूत में काफी क्रीम लगाई।
अब मैंने चूत पर एक झटका मारा, जिससे लंड का टॉप अंदर चला गया।
भाभी ने रोते हुए कहा, “मां मर गई।”
डर से मैंने लंड निकाल लिया।
मैं लंड निकालकर रुक गया।
“बहुत बड़ा है, मैं इतना नहीं ले पाऊंगा,” भाभी ने कहा। बहुत दर्द है। दीदी, कहीं आवाज सुनकर उठने से बचें।
मैंने बहन को बताया और उसके मुँह पर हाथ लगाया।
मैंने भाभी के पैरों में पैर फंसाकर एक झटका दिया, जिससे सुपारा वापस चूत में चला गया।
पर भाभी रोने लगी और मुझे छोड़ने के लिए छटपटाने लगी।
लेकिन मैंने भाभी की कमर पकड़ ली और लंड पेले।
लंड धीरे-धीरे चूत में घुसने लगा।
भाभी रोने लगी।
मैं वापस लंड निकालकर भाभी को बेड पर उलटा लेटा कर उनके ऊपर चढ़ गया।
मैंने एक बार फिर भाभी के मुँह में कपड़ा ठूंस दिया।
अब भाभी की आंखों से आंसू निकलने लगे, जब मेरा आधा लंड उसके चूत में चला गया।
जब कपड़ा उनके मुँह पर गिरा हुआ था, तब भी वे दर्दनाक आवाजों से, “आह आह उन्ह मर गई…” कहते थे।
इस बार मैं उन्हें पीने में लगा रहा।
मैंने एक और झटका मारकर पूरा लंड डाल दिया।
अब मैं भाभी को कसकर पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।
मैं कुछ समय रुक गया।
अब भाभी को भी मज़ा आने लगा, तो वह रोने लगी।
मैंने उनके मुँह से कपड़े उतारे।
हांफती हुई भाभी ने कहा, “देवर जी, आपके लंड ने मेरी जान निकाल दी है।” अब धीरे-धीरे करो।
मैंने कहा कि भाभी यह सिर्फ शुरुआत है। अब आपकी नॉन स्टॉप चुदाई की प्रक्रिया को देखेंगे।
बस ऐसा कहकर मैंने भाभी के दोनों पैर फैला दिए और उसके पैरों पर अपने घुटने रखकर उसके पैरों पर दबाव डाला कि वह न हिल पाएं।
फिर से तेल डालकर भाभी की चूत में झटका मारा, तो भाभी ने पूरा लंड लेकर मादक सिसकारियां भरने लगी।
मैंने अपनी स्पीड को नियंत्रित किया और भाभी की चूत में तेज हमला करने लगा।
तेल की चिकनाहट के कारण भी चुदाई से पट फटने की तेज आवाज आई।
“छक… पछ… फक्क…” की आवाजें उनकी चूत के अंदर से निकलती थीं।
अब भाभी ने नियंत्रण खो दिया और जोर से आवाज देने लगी, “आहह..।” ओह एमाआ..। मुम्म याहह..। हाय, मरने वाले देवर, आप किस जन्म की सजा दे रहे हैं? कृपया देर करो..। आज मैं पहली बार चुद रहा हूँ..। इसके अलावा, उसके बड़े स्तन भी देखने लायक हैं..।’
मैं धकापेल में लगा रहा और भाभी चीखती रही।
मैं भाभी की चूत में अपने लंड का सैलाब छोड़कर उनसे काफी देर तक चुदाई की।
उस समय मज़ा आ रहा था।
पर भाभी को जैसे ही होश आया, वे थोड़ा घबरा गईं और कहा, “देवर जी, आपने अपना सामान मेरे अंदर ही छोड़ दिया।” क्या करूँ?
मैंने कहा, “कुछ नहीं भाभी, भैया को बुला कर एक दो बार चुदाई कर लेना।” कोई परेशानी नहीं है।
मैं सिर्फ इतना बोल ही रहा था कि भाभी उठकर बाथरूम में अपनी चूत धोने चली गईं।
मैं भी उन्हीं के साथ अंदर गया।
मैंने भाभी से कहा कि मुझे भी साफ कर दो जब मैंने देखा।
कैसे? भाभी ने प्रश्न किया।
मैंने भाभी को नीचे बैठाकर उसके मुँह के सामने अपना लंड रखा।
वह समझ गई और मुँह में लंड लेकर चूसने लगी।
सेक्सी नई भाभी ने कहा, “आज ही पूरी खुशी ले लोगे, मेरे देवर जी?” वह मेरे लंड को हाथ से सहलाती हुई पूछा।
मैं हँसने लगा।
भाभी इतनी मजे से लंड चूस रही थीं कि मेरा लौड़ा फिर से टाइट हो गया।
मैंने भाभी को उठाया और शॉवर के नीचे झुकाकर उनके पीछे से अपना लंड डाल दिया. जब तक वह नहीं उठी, मैंने एक जोरदार झटका मारकर उनकी चूत में लंड डाल दिया।
जब मैं उन्हें चोदने लगा, भाभी ने कहा, “अहह देवर जी..।” आप अभी भी व्यस्त हैं..। तुम इतना सताओ, दीदी उठ जाएगी।
लेकिन मैंने उनकी एक भी नहीं सुनी और जोर से चोदने लगा।
भाभी भी उत्साहित हो गईं और जोर से चिल्लाने लगीं, “आह..।” वाह, आप कितने अंदर तक डाल रहे हैं..। ओह माँ..। मरने वाली आहह..। और जोर से चोदना बहुत अच्छा है, अहह..। मैं मर गया।
फिर मैं जोर से भाभी को ऊपर नीचे उछालने लगा। मैं अपने आप उनकी चूत में जा रहा था।
भाभी भी मज़ा लेती रही जब मैं उन्हें बहुत देर तक अलग-अलग रुपये में चोदता रहा।
अब वे थक चुकी थीं और हिलना भी नहीं चाहती थीं।
हम बाथरूम में चुदाई कर रहे थे, जबकि दीदी अपने कमरे में ऊपर सोई हुई थीं।
उस रात को दोपहर दो बजे से दोपहर तीन बजे तक मैंने भाभी से तीन बार चुदाई की।
भाभी की चूत सूज गयी थी।
वह भी चला नहीं जा रहा था क्योंकि वे बहुत दुखी थे।
भाभी ने कहा, “देवर जी, आप मेरे कमरे में चले जाओ; अगर आप इसी कमरे में रहते हैं तो फिर से चले जाओगे।” यह देखकर दीदी को भी संदेह होगा। आपके पास दर्द कम करने वाली कोई दवा हो तो मुझे बताओ।
मैंने पेन किलर निकालकर भाभी को खिला दी और खुद दूसरे कमरे में चला गया।
जब सभी सुबह उठे तो देखा कि भाभी अपनी टांगों को फैला कर चल रही थी।
दीदी ने उनसे पूछा: भाभी, तुम्हारी तबीयत ठीक है?
नहीं, कुछ नहीं, भाभी ने कहा..। पैर दुख रहे हैं क्योंकि कल कुछ अधिक काम किया गया था।
मैंने कहा, “भाभी, तेल मालिश करवा लो।” अच्छा होगा।
यह सुनकर भाभी अपनी चूत पर इशारा करने लगीं।
फिर वे मेरे लिंग की ओर देखकर कहा, “नहीं, देवर जी, मैं कभी मालिश नहीं करवाऊंगी।” यह दर्द को और बढ़ाता है।
मैं दीदी को देखकर हंसने लगा।
प्रिय, मेरी प्रेम कहानी यहीं समाप्त होती है। मैं उन पांच दिनों में भाभी को बहुत चोदा था।
Last day, जब दीदी सब जानती थी, मैंने उन दोनों को घोड़ी बनाकर चोदा।
मैं अगली बार वह सेक्स कहानी भी बताऊंगा अगर आप चाहेंगे।