Xxx anal fuck kahani एक बड़े लंड वाले लड़के की कहानी है। फेसबुक पर उसे एक गंदे आदमी मिल गया जो उसे गांड मारने के लिए उत्सुक था। दोनों ने होटल के कमरे में प्रवेश किया। क्या हुआ?
मेरा नाम सुनील है।
मैं राजस्थान का निवासी हूँ।
मेरी उम्र 25 साल की है और मेरा लंड काफी मोटा और लम्बा है।
मेरे फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर मेरे लंड की तस्वीर अंकित है।
मुझे लगता है कि ऊपर वाले ने मुझे बहुत बड़ा लंड दिया है।
मैंने अपना फर्जी फेसबुक आईडी बनाया था, जिस पर मैं एक लड़का पाया था।
वह भी राजस्थानी था।
उसका नाम राहुल था और उम्र 28 वर्ष थी।
उसने पहले कभी सेक्स नहीं किया था।
राहुल से मैं छोटा हूँ।
मैंने उससे शादी करने की मांग की तो मैंने कहा कि तुम लड़के हो और लड़कों से शादी कैसे कर सकते हो?
उसने कहा, “मैं आपको बताता हूँ कि एक लड़के से लड़के का सेक्स कैसे होता है।”
फिर उसने मुझे गे यौन संबंधों के बारे में बताया।
Xxx एनल फक कहानी उसी ने लिखी है।
उसकी बात सुनकर मुझे भी प्यार होने लगा।
अब हम दोनों हर दिन बातें करने लगे।
धीरे-धीरे लड़के से सेक्स करने की मेरी भी इच्छा जागृत होने लगी।
हम दोनों ने एक दिन मिलने का विचार किया।
हम दोनों अपने घर छोड़कर दूसरे शहर में चले गए।
हम दोनों पहली बार वहीं मिले और कुछ बातें की।
फिर हम दोनों ने एक दवा दुकान पर जाकर कंडोम और बेबी ऑयल खरीद लिया।
अब हम दोनों एक होटल में कमरा लेने चले गए।
हम एक सामान्य होटल में एक कमरा बड़ी आसानी से पाया।
हम सुबह १० बजे होटल के कमरे में पहुंचे।
क्योंकि हमारी वापसी की ट्रेन शाम को पांच बजे थी।
हमारे पास पर्याप्त समय था।
होटल के कमरे में जाने के बाद राहुल ने कहा कि मैं तुम्हारे लिए स्नान करवा दूंगा।
बाथरूम में जाकर राहुल ने मेरी चड्डी से लंड निकालकर सहलाने लगा।
मुझे जोर से पेशाब आ रहा था, इसलिए मैंने धार छोड़ दी।
उसने पेशाब करने के बाद मेरा लंड पकड़ा हुआ था, जो पूरा टाईट हो गया था।
पहली बार किसी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ा था।
राहुल मेरा मोटा, लंबा लंड देखकर डर गया।
उसने कहा कि ये घोड़े के लंड हैं..। मेरी मर जाएगी!
मैंने कहा, “डर मत करो।” ऐसा नहीं होगा।
जब मैंने उसका पैंट खोला, तो मैंने पाया कि उसका लंड चार इंच लम्बा था और मोटा भी नहीं था।
मैं उसके लंड को सहलाते ही उसके लंड से पानी निकल गया।
राहुल, क्या हुआ? मैंने पूछा।
मैं सिर्फ इतना ही कर सकता हूँ, उन्होंने कहा।
मैंने उससे अपना लंड पकड़वाकर उसके मुँह में डाल दिया।
वह चूसने लगा।
जब मैंने पहली बार लंड चुसवाने का अनुभव किया, तो मुझे ऐसा ही महसूस हुआ।
मैं अपने लंड की चुसाई का आनंद लेने लगा।
लगभग पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरा लंड बिखर गया।
मेरे लंड की सख्ती देखकर राहुल भी हैरान था, और शायद वह खुश था कि उसे एक पत्थर का लंड मिला।
वह डर और उत्साह से मेरे लंड को देख रहा था।
वह अपनी गांड मरवाने का उत्सुक था, लेकिन उसे गांड फटने का भी डर था।
मैंने प्यार से राहुल को गांड मारने के लिए राजी किया और उससे घोड़ी बनने को कहा।
वह घोड़ी बन गया।
मैंने अपना लंड गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं गया।
वह भी दर्द के कारण मना करने लगा।
फिर मैंने उससे सिर्फ घोड़ी बने रहने को कहा।
तब मैंने एक कंडोम निकालकर अपनी दो उंगलियों को उसकी गांड पर लगाया और धीरे-धीरे अपनी उंगलियों को उसकी गांड में डाल दिया।
मैं उसकी गांड के छेद को बढ़ाने लगा।
उंगलियों से गांड मरवाने में भी उसे मज़ा आया।
उसकी लुल्ली टनटनाने लगी जब मैं उसे बीच-बीच में गोटे भी सहला देता था।
हमें ऐसा करते करते बारह बज गए।
हमारे पास अभी भी बहुत समय था।
लगभग एक बजे तक मैं उसकी गांड में उंगली मारता रहा।
वह पहले दर्द महसूस करती थी, लेकिन बाद में खुशी मिलने लगी।
अब उसकी गांड खुलने लगी और काफी चौड़ी हो चुकी थी।
उसकी गुलाबी गांड भी बाहर से दिखाई देने लगी।
फिर मैंने उससे अपना लिंग चुसवाना शुरू किया।
5 मिनट में मेरा भी रस निकल गया और उसने सारा पानी अपने मुँह में लेकर पी लिया।
वह मेरे लौड़े को झाड़ देने के बाद भी चूसता रहा, जिससे मैं फिर से उत्साहित हो गया।
मैंने उससे कंडोम लगाकर घोड़ी बनने को कहा।
राहुल एक बार फिर घोड़ी बन गया।
मैंने फिर से लंड के टोपे को उसकी गांड के छेद पर फेरने लगा।
लंड की गर्मी उसे अच्छी लगी।
उसने कहा कि मुझे लंड की गर्मी बहुत अच्छी लग रही है, बस इसे मेरी गांड के छेद पर फेरते रहो।
मैं मान गया और लगभग पांच मिनट तक उसकी गांड के छेद पर लंड फेरता रहा।
जब राहुल खुश हो रहा था, तो मेरा लिंग बेचैन हो रहा था।
लंड ने चिकना छेद देखा और घुसने लगा।
लंड ने गाण्ड के मुहाने पर काफी चहलकदमी की थी।
मैं अपने लंड छेद पर सैट किया और जोर से एक धक्का लगाया जब मुझे रहा नहीं गया।
मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया जब उसकी गांड का छल्ला ढीला हो गया।
वह जोर से रोने लगा।
लेकिन राहुल हिल भी नहीं पाया क्योंकि मैंने उसकी कमर पकड़ रखी थी।
मेरा उत्साह उसकी टाइट गांड में लंड डालते ही बढ़ गया।
लंड को भी राहत मिली।
मैं उसकी कमर पकड़कर पूरी ताकत से धक्के मारने लगा।
आह, छोड़ दो प्लीज, राहुल चिल्लाता रहा।
लेकिन मेरी भावना कुछ ज्यादा ही बदल गई।
मैं सिर्फ एक हाथ से तेल की शीशी उठा ली और उसकी गांड में तेल डालने लगा।
तेल की अधिकता से उसकी गांड में लंड लगने का दर्द कम हो गया।
वह कुछ देर और चिल्लाया, लेकिन फिर भी खुश हो गया।
अब वह भी अपनी गांड चुदाई करने लगा।
मैं तुरंत उसके पोते को सहलाने लगा और नीचे हाथ डाला।
उसकी लुल्ली भी तन गई और उसे दोगुना मजा आने लगा।
जब मैंने उसकी लुल्ली को हाथ से सहलाया, वह खुद से अपनी गांड को मेरे लौड़े पर मारने लगी।
कुछ ही देर में लुल्ली से पानी निकल गया।
वह लंड से ठंडा हो गया, लेकिन मेरा मनोबल अभी भी बना हुआ था।
मैं अधिक जोर से धक्के मारने लगा।
मेरे लंड का पानी भी कुछ देर बाद निकलने को हुआ।
मैंने राहुल की गांड में कंडोम लंड निकाल दिया।
तीन बज चुके थे। हमारे पास फिर भी दो घंटे था।
हम दोनों थक गए और सीधे बेड पर लेट गए।
मैं उसके लंड से खेलता रहा और राहुल मेरे लंड से।
ऐसा कुछ समय तक चलता रहा।
राहुल ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। वह आंड मसलता रहा और मेरे लंड के लाल सुपारे पर अपनी जीभ फेरता रहा।
लंड खड़ा होकर छेद छेद की गुहार लगाने लगा जब मैं फिर से उत्साहित हो गया।
अब लौड़े को छेद चाहिए, मैंने कहा। उठो और लंड को अंदर ले लो!
उसने अपने दोनों पैर ऊपर कर दिए और बेड पर सीधा लेट गया ताकि लंड ले सकें।
उसकी गांड में खून चमचमा रहा था जब मैंने देखा।
मैंने कंडोम निकाला और राहुल की गांड पर तेल लगाने लगा।
राहुल घबरा गया।
वह मना कर रहा था, लेकिन मैं नहीं मानता था।
मैं ऐसा करता रहा।
कुछ देर बाद मैंने दूसरा कंडोम निकाला और उसे अपने लंड पर लगाया।
कंडोम चढ़े लंड पर भी ऑयल लगाया गया।
वह लेटा हुआ था और पैर ऊपर कर रखा था।
लोहे के सरिये की तरह मेरा लंड टाईट हो गया।
राहुल के दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकड़कर मैंने उसके गांड के मुँह पर अपना लंड रखा।
जब मैंने धीरे-धीरे लंड डाला, तो राहुल चिल्ला उठा।
आह, दर्द हो रहा है, वह बोली। रहने दो..। मैं पानी हाथ से हिलाकर या मुँह में लेकर निकाल दूंगा।
लेकिन मुझे Xxx एनल फक में मजा आ रहा था, इसलिए मैंने उसकी एक नहीं सुनी और धीरे-धीरे अपने लंड को बाहर निकालने लगा।
थोड़ी देर बाद, वह भी खुश हो गया और आह..। अब आपको अच्छा लग रहा है, तो प्लीज थोड़ा जोर से धक्का दें।
फिर मैंने धीरे-धीरे गति बढ़ाई और जोर से धक्के लगाने लगा।
हम दोनों बहुत देर तक खुश रहे। फिर मैंने राहुल की गांड से अपना लंड निकाला।
लंड बाहर आने पर राहुल ने विनती की, “यार, अभी भी मन है, अंदर मत डालो।”
मैंने उससे घोड़ी बनने की विनती की।
वह घबरा गया।
मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी गांड के छेद पर रखकर जोर से धक्का लगाया।
कंडोम झटका लगने से फट गया।
मैंने दूसरा कंडोम लगाने के लिए लंड निकालना शुरू कर दिया।
राहुल ने कहा कि कंडोम नहीं लगाना चाहिए, गांड में लंड का पानी लेना चाहिए।
लेकिन बिना कंडोम के मैं खुश नहीं था।
उसने जिद की।
उतनी देर में मेरा लंड फट गया।
मैंने उसकी जिद मान ली और कंडोम के बिना गांड मारने के लिए हां कहा।
लेकिन मैंने कहा कि अबकी बार मैं तुम्हारी गांड में ही रस निकाल दूँगा, लेकिन पहले इसे खड़ा करो और दोनों को धोकर साफ करो।
मुझे बाथरूम में ले जाकर उसने हामी भर दी।
उधर, उसने अपनी गांड और मेरे लंड दोनों को साबुन से अच्छे से धोया।
फिर मुँह में मेरा लंड लेकर खड़ा होने लगा।
वह अपने लंड को चूसता रहा।
लंड धीरे-धीरे खड़ा हो गया।
अब उसने अपने हाथों से मेरी गांड और लंड पर तेल लगाया।
उसे घोड़ी बनाया गया।
राहुल की गांड पर मैंने अपना लंड रख दिया।
मेरा लंड आसानी से राहुल की गांड के छेद में घुस गया।
लेकिन राहुल को अभी भी दर्द हो रहा था क्योंकि लंड के बीच का मोटा भाग था।
मैं गांड में लंड डालने लगा।
राहुल ने कुछ देर बाद कहा, “जोर से करो, मुझे मजा आ रहा है।”
मैं अपनी गांड को थोड़ा और जोर से मारने लगा।
मेरा मन बदल गया।
मूड बनते ही लंड अधिक टाईट हो गया और धक्के जोर से लगने लगे।
राहुल ने आह आह की आवाज निकाली।
हम दोनों थक गए और कुछ देर बाद मेरा पानी उसकी गांड में निकल गया।
फिर हमने एक साथ नहाया और कपड़े पहनकर चलने को तैयार हो गया।
हमारी ट्रेन भी समाप्त हो गई थी।
हम दोनों होटल छोड़ दिया।