पड़ोसी अंकल से मम्मी चुद गईं

Xxx hindi com story – मैंने XX हिंदी कॉम स्टोरी वेबसाइट पर एक अंकल को पड़ोसियों के साथ चुदाई करते देखा, तो मैं भी उनके बीच गया। उन अंकल ने मेरी माँ को भी चोदा।

दोस्तो, राहुल, मैं आपको अपने पड़ोसी अंकल और एक दूसरी आंटी से चुदाई की कहानी बता रहा था।
अब तक आपने XX हिंदी कॉम कहानी के पहले भाग, पड़ोसन आंटी की चूत का मजा लिया, में पढ़ा था कि मैंने समीर अंकल और चांदनी को चोदते हुए पकड़ लिया था और फिर खुद चांदनी की चूत पर लंड डाल दिया था।
हमारे बीच बहस भी हुई, जिसमें मैंने बताया कि मेरी माँ पापा के लंड से खुश नहीं हैं।

Xxx हिंदी कॉम कहानी इसके बाद:

मैं: मैंने एक दिन सुना था कि वे दोनों यौन संबंध बना रहे थे।
समीर: प्रिय चांदनी, कृपया समाप्त करो..। साली की सुंदर गांड है। उसे अपने नीचे रखकर खुश हो जाऊँगा।

मैं-वाह..। तुमने मुझे यह कहते हुए छूट दी नहीं, अंकल?
तुम्हारी मां है ही ऐसी, समीर बोली।

अब मैं चांदनी की टांगों के बीच में आ गया और उसे चोदने लगा।
हम दोनों की चुदाई समीर देखने लगा।

चांदनी: मैं राहुल की माँ को तुम्हारे साथ मिलवा दूँगी, समीर, लेकिन इसके एवज में मुझे क्या मिलेगा?

समीर: क्या चाहिए?
तुम्हारी बेगम और मां, चांदनी और हां, मैं किसी भी व्यक्ति से चुदूँगा। आप कुछ नहीं कहेंगे। वह चाहे तुम्हारा बेटा ही क्यों न हो!
समीर: ओके, सब अच्छा है।

तो तुम्हें बेटा कौन देगा, समीर हंसकर पूछा। क्या मैं या मेरा बेटा?

चांदनी: तुम या तुम्हारा बेटा बात एक ही है न? क्योंकि मैं इसके बाद एक बच्चे की मां हो जाएगी!
समीर ने कहा, “ओके, अब राहुल से मज़ा करो।” मैं कल तुझसे शादी करूँगा। लेकिन तुम मेरा काम कब पूरा करेंगे?

चांदनी: मैं तुम्हें आश्वस्त करने के लिए कुछ ऐसा बनाऊंगा कि रंडी खुद तुम्हारे लौड़े के नीचे आ जाएगी।
समीर: ओके जाओ।

मैं: मेरा होने वाला क्या है?
समीर ने कहा, “अबे पूछना क्या?” डाल दे इस बेवकूफ की चूत में।

चांदनी: मुझे तुम्हारा बेटा नहीं चाहिए।
समीर, एक बार करने से कोई फर्क नहीं पड़ता!
चांदनी: ओके राहुल।

मैं चांदनी की चूत में अपना लंड झाड़ कर उसके बाजू में लेट गया।

मेरे बाद, समीर अंकल चांदनी के ऊपर चढ़ गए और उसकी चुदी चुदाई फ़ुद्दी में अपना मूसल डालकर चोदने लगे।
मैं उठकर अपने कपड़े पहनने लगा और बाहर निकलने के लिए कहने लगा।

हां बेटा, समीर अंकल ने कहा एक हफ्ते में मैं अपनी मां को अपने लिंग से चुदता हुआ देखूँगा।
मैंने कहा, “ओके, बाइ, गुड नाइट।”

मैं अपने कमरे में आकर सो गया।
फिर सुबह उठा, नाश्ता किया, नहाया और कॉलेज चला गया।

दोपहर को घर आकर मैंने चांदनी से बात करते देखा।
उन दोनों की बातें मैंने सुनीं।

मेरी माँ, मेरा पति मुझे खुश नहीं कर सकता!
चांदनी: मेरे पास भी ऐसा ही है, लेकिन मैंने एक समाधान पाया है।

मेरी माँ, क्या करें?
चांदनी: क्या वह अपना शरीर है? मैं उनसे संपर्क करता हूँ।

मेरी माँ: क्या तुम ऐसा कैसे कर सकती हो?
चांदनी: जब फुद्दी लंड मांगती है, तो काजल क्या करती है? तो वे भूल जाते हैं कि वह किसी आदमी की टांगों के नीचे लटका हुआ है।

मम्मी, यह सही है, लेकिन क्या किसी को पता था?
चांदनी: नहीं, किसी को पता नहीं होगा। समीर भी नहीं बोलता।

मेरी माँ, तुम्हें कैसे पता था कि वह किसी से बात नहीं करेगा?
चांदनी: वह मुझसे विवाह करने वाला है।

मेरी माँ, यह सच है! तुम्हारा पति?
चांदनी: मैं उसे डाइवोर्स दे दूँगी! समीर ने मुझे बहुत प्यार किया।

मेरी मम्मी ने कहा कि तुम्हारी तो निकल गई है।
चांदनी: तुम्हें भी मिलेगा..। तुम सिर्फ हां करो!

मेरी माँ, मैं कैसे हां कहूँ कि मैं भी समीर की तरह कोई पाऊँगा?
चांदनी: तुम्हें खुद समीर ने चोद दिया, तो मेरा जीवन कैसा रहेगा?

मेरी माँ, क्या कह रहे हो? वह तुम्हें शादी करने वाला नहीं है!
चांदनी: अगर तुम सहमत हो तो बोल दो..। मैं भी तुम्हारे लिए ऐसा करूँगा और किसी को पता नहीं होगा।

मेरी माँ: क्या वह सचमुच मुझे स्वीकार करेगा?
हाँ, चांदनी ने कहा कि वह तुम्हें नहीं मारेगा। वैसे भी, समीर की चुदाई कितना सुंदर है..। साला पूरी तरह से तोड़ देता है।

मेरी माँ ने कहा, “यार, तुम्हारी बात सुनकर मेरे भी मन में कुछ बदलाव आने लगा है।”
चांदनी, क्या मैं तुम्हारी हां मान सकता हूँ?

मेरी माँ: हां, ठीक है।
चांदनी: आज रात मेरे कमरे में आना..। तुम कुछ भी बहाना बनाकर आ जाओ, ओके!
मम्मी: ओके ठीक है।

फिर चांदनी ने कहा और चली गई।
घर का काम करने लगी माँ।

रात को खाना बनाकर उन्होंने कहा, “तुम पापा को खाना देना, आज मैं चांदनी आंटी के पास जा रहा हूँ और कल सुबह आऊँगा।” क्या कुछ काम नहीं है?
मैंने उत्तर दिया: ठीक है। मैं कोई काम नहीं करता।

चांदनी के फ्लैट में मम्मी चली गईं।

जब पापा आए, मैंने उन्हें बताया, “पापा, मम्मी अपनी सहेली के घर गई है और आज समीर अंकल मुझे फोन कर रहे हैं।” यही कारण है कि मैं भी उनके पास जा रहा हूँ। आज मैं सिर्फ उनके घर पर सो जाऊंगा।
ठीक है, चले जाओ, वे कहते हैं।

मैं समीर अंकल के पास चला गया और हम दोनों ने खाना खाया।

“आज तेरी मां खराब है,” समीर अंकल ने कहा। साली बहुत प्यार करती थी, लेकिन आज वह चली गई।
मैंने कहा कि मैं भी उनकी चुदाई देखना चाहता हूँ।

ठीक है, देखो, वे कहते हैं। मैं वायरलैस वॉइस सेंसर वाला सीसीटीवी कैमरा उधर लगा दूँगा, इसलिए आप इस जगह से ही उनकी चुदाई देख सकते हैं। बाद में बगल वाले कमरे में सो जाओ।
मैंने ओके कहा।

फिर मम्मी और चांदनी समीर अंकल के कमरे में गईं।
समीर अंकल एक कमरे में गए और लाइट ऑफ कर दी।

सूर्योदय होते ही चांदनी ने मेरी माँ से कहा कि जाओ, गर्म लोहा पर चूत से चोट मारो।

जब वे समीर अंकल के कमरे में गए, मम्मी ने मुस्कुराकर कहा कि उधर गहरा अंधेरा था।
जब मम्मी बेड पर बैठ गईं और कंबल में चली गईं, तो वे चौंक गईं।

समीर अंकल कंबल पर पूरी तरह से नंगे थे। उनका मोटा, लंबा लंड फनफना रहा था।

जैसे ही मेरी माँ बेड पर लेट गई, समीर अंकल ने उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसे बेतहाशा किस करने लगे।
अंकल ने कहा कि मैं कब से तुम्हें चोदने के लिए बेचैन हूँ…। अब आओ।

रुकिए तो, माँ ने कहा..। मैं प्रकाश को चालू करता हूँ।
ओके करो, समीर अंकल ने कहा।

मम्मी चौंक गईं जब उन्होंने लाइट ऑन की।
हे मालिक, समीर ने अंकल का लंड देखा और पूछा: क्या है?

“ये मूसल छाप लंड मेरी जान है,” समीर अंकल ने अपना लंड सहलाते हुए कहा।

मेरी माँ—जानती हूँ, लेकिन इतना बड़ा..। मैं नहीं ले सकता।

समीर अंकल, क्या वह आपको भेजा है? वह भी यही कहती थी। फिर आज वह मेरे लौड़े से चुदकर मेरी रानी बन गई है। बस मरना एक बार बहुत मुश्किल होगा। तब आप खुद से कहेंगे कि फाड़ दो।

मेरी माँ: मुझे बहुत दर्द होगा..। नहीं, कृपया।
समीर: बहुत नहीं होगा, मैं आराम से रहूँगा!

मेरी माँ—यकीन नहीं है..। क्या आप आराम से करेंगे?
समीर: यकीन है, दोस्त!

मेरी माँ ने कहा, “ओके” तब भी धीरे-धीरे करना।
हाँ आदमी, समीर ने कहा..। लेकिन तुम मेरी जान खोलो।
मम्मी ने कहा कि मैं ओके खोलूंगा।

फिर माँ ने एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरी तरह से नंगी हो गईं।
यार, क्या माल लग रही हो, समीर ने कहा जब उसने मेरी माँ को नंगी देखा और उसके होंठों पर जीभ फेरी।

मम्मी ने शर्माकर समीर की छाती में अपना मुँह छिपा लिया।
अब वे दोनों बेड पर नंगे हो गए।

लंड चूसती हो जान? समीर अंकल ने मेरी माँ की चूचियां मसलते हुए पूछा।

हां, मैं मुर्गे की टांग चूस सकता हूँ।
“तो देर किस बात की है, काजल डार्लिंग?” समीर ने पूछा। इसे अपने होंठों की सेवा दो।

जैसे ही समीर ने कुछ कहा, मेरी माँ ने उसका लंड पकड़कर मुँह में लेकर चूसने लगी।
तभी चांदनी घुस गई और मेरी माँ को पूरी तरह से नंगी देखकर कहने लगी, “वाह रे रंडी, क्या सुंदर लग रही है! चूस साली चूस!”

समीर अंकल ने कहा, “आह चूसने देना जान।” यह भी मेरा लंड चूस रहा है!

“आ जा मेरी चांदनी,” मेरी माँ काजल ने कहा, लौड़े के टोपे पर जीभ फेरते हुए लंड को मुँह से निकाला। आज आप कुछ भी कह सकते हैं..। पर समीर का लंड बहुत सुंदर है..। तुम्हें मेरी जान बहुत धन्यवाद।
समीर ने कहा, “अबे साली, चूस लो मेरा लंड।” साली, लंड अच्छा है। मुँह में लंड डालकर कुतिया को चूस।

चांदनी: काजल डार्लिंग पहले लंड चूस लेती है, फिर बाकी बातें होती हैं। जितनी कम मजा देगी, उतनी अधिक मुसीबत होगी। लौड़े को अच्छी तरह चूसकर चिकना करो, ताकि जब वे आपके पेट में जाएं तो आपको बहुत मुसीबत नहीं होगी।
यह सुनकर मेरी माँ ने लौड़े को अपने गले तक लेकर चूसना शुरू कर दिया और थूक से लंड पर मालिश करने लगी।

लौड़े को काफी देर चूसने के बाद समीर ने कहा, चल आ जा, अब पेलने का समय आ गया।
उसने पहले अपनी जीभ मेरी माँ की चूत में डाल दी, फिर उसने उसके अंदर तक अपनी जीभ डाल दी।

उससे मम्मी पूरी तरह हिल गई और कंपकंपाने लगी, उत्तेजित स्वर में—ऊऊ ओह आई..। हाँ, हाँ!

समीर ने मम्मी की दोनों टांगों को पूरा खोला और उन्हें अपने कंधों पर ले लिया।
यही कारण था कि समीर अंकल का मोटा लंड मेरी माँ की गांड पर चढ़ गया।

लौड़े को चूत की फांकों में फंसाकर समीर ने एक कठोर धक्का मारा।

मेरी माँ काजल चिल्लाई, “आह मर गई”। ओह बेवकूफ, बहन का लौड़ा इतना मोटा है! मैं बहुत दुखी हूँ..। बाहर निकालने की कृपा करें।

मम्मी की टांगों को समीर अंकल ने गर्दन से कसकर रखा ताकि वे न हिल पाएं।
अंकल: सिर्फ मेरी रानी..। थोड़ा सहन करो..। आधा गया है..। अब जीवन बहुत कम है।

मैं बहुत दुखी हूँ, मम्मी। मैं नहीं ले सकता, प्लीज।
समीर अंकल, सब कुछ बस होने वाला है।

यह कहते हुए, समीर ने मेरी मम्मी की चूत में अंकल का पूरा लंड मार डाला।
मेरी माँ: मैं मर गया, मां!

मेरी माँ के दूध सहलाते हुए चांदनी ने कहा, “हो गया जान हो गया, बस हो गया।”
और समीर अंकल ने कहा, “बस हो गया, मेरी जान हो गई।”

जैसे ही समीर अंकल ने धकापेल शुरू किया, मेरी मम्मी की चुदाई में खुशी भरी आवाजें आने लगीं।

कोई पांच मिनट बाद, समीर अंकल धीरे-धीरे अपनी माँ को ऊपर से नीचे करने लगे।

“ऑश आह ईई ओह,” मेरी माँ की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं, चांदनी ने कहा, “देख साली रंडी कैसे मजे लेती है।” कुतिया ने कहा कि मैं नहीं ले सकता था..। अब देखो, साली, रंडी कहीं से कितने सुख लूट रही है।

समीर: बहुत मज़ा आ रहा है!
हां, जान, मैं बहुत खुश हूँ।

फिर थोड़ी देर में मम्मी होश खो गईं और बोलने लगीं, “आह, ज़ोर से चोदो समीर।”

मम्मी उठकर लंड लेने लगी।
तेज आवाज से पूरे कमरे में ठप ठप की आवाजें आने लगी।

जब मेरी माँ झड़ गई और अपनी चूत से पानी छोड़ा, तो समीर अंकल भी इतनी गर्मी सहन नहीं कर पाए।
मैं भी आ रहा हूँ, वे पूछा। काजल रानी, जल्दी बोलो…। रस कहां लगाऊँ?
मम्मी ने कहा, “अंदर डाल दो, आज मैं अपनी चूत को पानी पिलाना है।”

जब वे दोनों लेट गए, समीर अंकल ने मम्मी की चूत में अपना लंड खोल दिया।
मम्मी इतनी थक गईं कि वहीं सो गईं।

कुछ देर बाद चांदनी ने समीर अंकल का लंड चूसने लगा।
दोस्तो, मैं आगे की यौन कहानी बाद में लिखूँगा।

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